चन्द्रबदनी मंदिर टिहरी गढ़वाल Maa chandra badani Mandir near Srinagar Garhwal Tehri garhwal uttrakhand
View from chandra badni temple |
Maa Chandra badni Temple View |
Chandra bandani maa
Maa chandra bandani Situated at -
जिला (District) - टिहरी गढ़वाल Tehri garhwal near Bagwan kirtinagarमाँ चन्द्रबदनी मंदिर का अर्थ (Meaning the name of Chandra badni) - वह स्थान जहाँ पर माँ सती का बदन सुदर्शन चक्र से कटकर गिरा था उस स्थान को चन्द्रबदनी के नाम से जाना जाता है !
मंदिर About Temple Maa chandra badani -
मंदिर इतना भव्य है कि आप मंदिर को सामने से देखने पर चौक जाएंगे और मुह से वाह निकल ही आएगा मंदिर में भीड़ वेसे तो रोज ही लगी होती है पर नवरात्रो में यहाँ अधिक लोग आते है मंदिर में ढोल - दमाऊ की आवाज मन को मोह लेती हैऔर मंदिर में एक मुख्य द्वार जाते ही थोड़ा बगल से है जबकि बाहर आने के लिए द्वार सीधे आगे की ओर है मंदिर के बाहर चार मुर्तिया है जबकि अंदर शिला के अंदर माँ की झलक देखने को मिलती है ।view and Temple wall |
विवरण Description of chandra bandani -
यह स्थान प्रायः टिहरी जिले में स्थित है और श्रीनगर से दूरी लगभग 60Km. है यहाँ तक पहुचने के लिए दो रास्ते है जो बागवान नामक जगह के नजदीक ही है मंदिर उचाई पर है जिस कारण आपको पहाड़ो की सुंदरता मोह लेगी और मंदिर इतनी ऊंचाई पर है कि आप पूरे दृश्य को निहारते ही रहेंगे कुछ दृश्य यहाँ दिए गए है जिनसे आपको इसका अंदाजा तो हो ही जायेगा और मंदिर पहुचने के लिए सड़क का रास्ता भयंकर मोड़ो से भरा है आपने यू मोड़ तो देखा होगा पर यहाँ वी आकर तक के मोड़ है सड़क अच्छी है पर वन-वे है जिस कारण बाइक कार चलाते हुये सचेत रहे और सड़क परिवहन के नियमो का पालन करें ।A Real view of Chandra badni temple path |
Story of Maa chandra bandani temple in Hindi or Mythology related to Maa chandrabandani Hindi माँ चंद्र बदनी की कहानी आखिर क्या राज है मंदिर के इस स्थान पर होने का
कनखल नगरी हरिद्वार (Kankhal nagri or Haridwar) के नरेश राजा दक्ष द्वारा यज्ञ के दौरान बेटी सती के पति महादेव शिव (Mhadev shiv) को ना बुलाने पर सती यज्ञ हो रहे स्थान पर पहुचती है और पिता से वाद विवाद होने पर यज्ञ में प्राणों की आहुति दे देती है यह बात जब महादेव शिव को पता चलती है तब शिव क्रोधित हो तांडव करने लगते है और राजा दक्ष का सर धड़ से अलग कर देते है ।और तदउपरांत शिव ( Lord shiva ) सती का शव कन्धे पर धर तांडव जारी रखते है यह तांडव इतना भयंकर होता है कि पूरी सृष्टि कापने लगती है जिसे देख देवी देवता जग रक्षक विष्णु के पास चलते है और पूरा व्याख्यान सुनाते है जिसे सुन विष्णु जी को आभाष होता है कि जब तक शिव के पास शव रहेगा तब तक उनका क्रोध शांत न होगा अतः शव को शिव से दूर करना पड़ेगा!
और इस उद्देश्य को पूरा करने के लिए भगवान विष्णु (Lord Vishnu) अपने सुदर्शन चक्र से शिव की अर्धांगिनी के शरीर के टुकड़े करने लगते है और शरीर के सुदर्शन चक्र से 52 भाग हो जाते है और ये भाग जहाँ-जहाँ गिरे उन स्थानों को शक्तिपीठ कहा जाता है जिनमे से एक माँ चन्द्रबदनी का भव्य मंदिर है।
इस जगह पर माँ का बदन गिरने की वजह से इसे चन्द्रबदनी मन्दिर कहते है।
Overview of Temple |
Conclusion of this Post maa chandra bandani ☺
दोस्तो अपको पोस्ट के माद्यम से काफी जानकारी तो मिल ही गयी होगी जैसे मंदिर विवरण पहुचने का जरिया,रास्ता,मंदिर इतिहास और मन को मोह लेने वाले दृश्य आपके लिए ऐसी ही अनेक कहानिया,रोचक इतिहास के तथ्य ,जानकारी वेबसाइट पर लगातार उपलब्ध कराई जा रही है और हम आपके आभारी है कि आपने अपनी रुचि दिखाई हमे आपके सुझाव का इंतजार रहेगा सुझाव के लिए कमेन्ट बॉक्स का प्रयोग करें।
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Thank you :) we will see this issue